बिलासपुर; गंदगी के ढेर में दबा “खाद्य सुरक्षा”, कलेक्टर परिसर की हालत बनी शासन के मुंह पर तमाचा..शर्मसार करने वाली तस्वीरें, सरकारी दफ्तर खुद कर रहे स्वच्छता अभियान की धज्जियां, खबर पढ़कर जानिए पूरा मामला……

बिलासपुर: (प्रांशु क्षत्रिय) कहने को तो ये कलेक्टर कार्यालय परिसर है— जिला प्रशासन का दिल। लेकिन इस दिल की नब्ज़ कुछ और ही कहानी कहती है। परिसर के भीतर स्थित खाद्य शाखा की हालत इतनी दयनीय है कि वहां कदम रखते ही सांस रोकनी पड़ती है। चारों तरफ गंदगी, गुटखा की पीक, धूल की मोटी परत और बेतरतीब फाइलों का अंबार जैसे साफ-सफाई इस विभाग के लिए कोई जरूरी चीज ही नहीं। कमरों में घुसते ही ऐसा लगता है मानो वर्षों से झाड़ू तक नहीं लगी। कर्मचारियों को इसी सड़ांध और अव्यवस्था के बीच काम करते देखना न सिर्फ विचलित करता है, बल्कि सवाल भी खड़े करता है कि क्या यही है स्वच्छ भारत मिशन की असलियत? यह विभाग खाद्य सुरक्षा जैसे अति महत्वपूर्ण विषय से जुड़ा है, लेकिन यहां के हालात खुद स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बन चुके हैं। दीवारों पर गुटखे की छींटें, ज़मीन पर बिखरी फाइलें और कंप्यूटरों पर जमी धूल… कहीं से भी यह सरकारी दफ्तर नहीं, एक बदहाल गोदाम नजर आता है।
प्रशासनिक लापरवाही की खुली पोल….
सरकार जहां एक ओर स्वच्छता पर करोड़ों खर्च कर रही है, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक इमारतों के भीतर इस तरह की गंदगी नीतियों और ज़मीनी हकीकत के बीच की खाई को उजागर करती है। सबसे अफसोसनाक बात इस पूरी अव्यवस्था को देखकर भी कोई अधिकारी चेतने को तैयार नहीं। अब देखना है कि बिलासपुर जिला प्रशासन इस ‘स्वच्छता के शव’ पर कब ध्यान देता है। या फिर ये विभाग यूं ही गंदगी में दम तोड़ता रहेगा।