बिलासपुर; भ्रष्टाचार के खिलाफ फूटा छात्र आक्रोश: अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय की पोल राजभवन में खुली, राज्यपाल ने दिए सख्त कार्रवाई के संकेत..छात्रों की हुंकार– अब नहीं सहेंगे भ्रष्टाचार! खबर पढ़कर समझिए पूरा मामला……..

बिलासपुर: (प्रांशु क्षत्रिय) अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार, अनियमित नियुक्तियों और छात्र विरोधी रवैये को लेकर छात्र प्रतिनिधि मंडल ने राजभवन का दरवाजा खटखटाया। छात्र नेताओं ने राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रमेन डेका से मुलाकात कर कुलपति प्रो. एडीएन वाजपेयी और प्रभारी कुलसचिव डॉ. शैलेन्द्र दुबे पर गंभीर आरोपों की फेहरिस्त पेश की। छात्र प्रतिनिधियों ने बताया कि कॉमर्स विभाग में नियुक्त प्रो. अतुल दुबे की पात्रता यूजीसी मानकों के अनुरूप नहीं है। कुलपति के निज सहायक उपेन चंद्राकर की भर्ती फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर की गई, जिसे एमपी हाईकोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है। लाइब्रेरियन डॉ. शालिनी शुक्ला और खेल संचालक डॉ. प्रमोद तिवारी की नियुक्तियों में भी नियमों की अनदेखी की गई। प्रभारी कुलसचिव डॉ. दुबे पर टेंडरों में गड़बड़ी, रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाने और स्वयं अपात्र होने के बावजूद कुर्सी पर जमे रहने के आरोप लगे और छात्रों ने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय की संकाय, परीक्षा और शिक्षण व्यवस्था ध्वस्त है, पढ़ाई के नाम पर खानापूर्ति चल रही है। एल्युमिनी एसोसिएशन के सचिव सूरज सिंह राजपूत ने आरोप लगाया कि कुलपति वाजपेयी विश्वविद्यालय को निजी ब्रांडिंग का जरिया बना चुके हैं। हर कार्यक्रम, कैलेंडर, पोस्टर यहां तक कि लिफ्ट तक में उन्हीं की तस्वीरें और विचार थोपे जा रहे हैं। पहले के कार्यकालों में भी वे महिला उत्पीड़न और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप झेल चुके हैं। राज्यपाल रमेन डेका ने छात्रों की बातों को गंभीरता से सुनते हुए अधिकारियों को जांच और त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम पर स्थापित इस विश्वविद्यालय में उनके आदर्शों के अनुरूप पारदर्शिता, गुणवत्ता और छात्र हित सर्वोपरि होना चाहिए।
छात्रों की हुंकार– अब नहीं सहेंगे भ्रष्टाचार!
राजभवन पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में सूरज सिंह राजपूत, आकाश शुक्ला, नीरज यादव, स्वप्निल पांडेय, यशवंत सिंह सहित दर्जनों छात्र शामिल थे। सबने एक स्वर में कहा अब चुप नहीं बैठेंगे, विश्वविद्यालय को भ्रष्टाचारमुक्त बनाकर रहेंगे। अब देखना है कि छात्र शक्ति की इस दस्तक से प्रशासन की नींद खुलती है या फिर छात्र आंदोलन की चिंगारी राज्यभर में फैलती है। छात्रों की मांग है कि राज्य सरकार तुरंत उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर दोषी कुलपति, कुलसचिव और अन्य अधिकारियों को बर्खास्त करे और विश्वविद्यालय को छात्रहित के केंद्र में रखकर पुनः संरचित करे।