नक्सल ऑपरेशन में शहीद हुई CRPF की डॉग ‘सुसैन’, तिरंगे में लपेटकर दी गई अंतिम विदाई……

छत्तीसगढ़: (प्रांशु क्षत्रिय) नक्सल ऑपरेशन के दौरान CRPF की बहादुर डॉग ‘सुसैन’ की ऑन ड्यूटी मौत हो गई। तीन साल की यह बेल्जियम शेफर्ड ब्रीड की फीमेल डॉग CRPF की 231वीं बटालियन में तैनात थी। रविवार को सुकमा जिले के जंगलों में ऑपरेशन के दौरान उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। फौरन उसे वेटनरी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। सोमवार को 231 बटालियन मुख्यालय में सुसैन को पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। उसे तिरंगे में लपेटा गया, अफसरों और जवानों ने कांधा दिया, सलामी दी और ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के साथ विदाई दी। इस मौके पर कमांडेंट सुनील भवर समेत कई अधिकारी और जवान मौजूद रहे। 231 बटालियन के कमांडेंट सुनील भवर ने कहा, सुसैन हमारी बटालियन का अभिन्न हिस्सा थी। उसने नक्सल विरोधी ऑपरेशनों में न केवल बहादुरी दिखाई, बल्कि हर परिस्थिति में जवानों की सच्ची साथी बनी रही। उन्होंने बताया कि CRPF की K-9 यूनिट देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था में ‘मूक प्रहरी’ के रूप में काम करती है। सुसैन जैसे K-9 योद्धाओं का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। सुसैन जमीन के अंदर दबी IED को खोजने में एक्सपर्ट थी। उसने कई ऑपरेशनों में सैकड़ों विस्फोटक बरामद कराने में जवानों की मदद की थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही उसकी मौत का सही कारण पता चल सकेगा। बेल्जियम शेफर्ड डॉग ऊंचे कद, मजबूत शरीर और तेज़ सूंघने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। इनका रंग ब्राउन और चेहरा ब्लैक होता है। ये ऊंची दीवारें फांदने, पहाड़ों पर चढ़ने और लंबी दूरी तय करने में सक्षम होते हैं। बस्तर क्षेत्र में CRPF अब ज्यादातर इसी ब्रीड के डॉग्स को ऑपरेशन में शामिल करती है। सुसैन जैसी मूक योद्धा को सलाम जिसने बिना शब्दों के अपनी वफादारी और बहादुरी से देश की सेवा की।
